आखिरी अनुरोध
तुमसे,
जिसपे
हक जताता था कभी.
आखिरी अनुरोध
मेरा ;
जिसको
बहलाया करती थी
तुम ,जिसे
हक था भरमाने का .
आखिरी अनुरोध
तुमसे,
तुमसे परे,
दुनिया
जो कभी मेरी थी
ग्रहण उसे न लगाओ
बचा खुचा है,
जो नहीं जल सकता
और नहीं सुलगाओ .
तुमसे भागता हूँ
तुम ही तुम, न नज़र आओ .
आखिरी अनुरोध
मेरा,
जिसको क़त्ल किया तुमने
आखिरी अनुरोध
तुमसे,
पूरा ही मर जाने दो
जिंदगी दहशत है
पूरा ही मर जाने दो
अब और न भरमाओ
अब और न नज़र आओ .
ye kafi shandar hai..mere khyaal s elikhte samay kuchh particualr cheezein aapke man mein chal rahi thin....
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