न्यून की आदत है तुम्हे
तुम्हे पसंद है
कम-कमतर
खालीपन-खुलापन
मै संजोती हूँ
हर क्षण
जीवन का हर कोना,
दीवाल का रूखापन,
खालीपन मन का,
सजा के रखती हु मै.
खेल के स्पेश परे
खिलोने टूट भी,सजाते है जीवन
मुझे प्रिय है
मेरे खिलोने !
तुम जीते हो न्यून
खालीपन-खुलापन
मित्र मेरे!
नहीं रह सकते हम
एक छत तले
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