नींद से बोझिल पलकों को
रोके रखना,
मूंदते ही जिनके ख्वाब तैर उठें,
साथ पसर जाए सरगम।
पलकों को रोक
पढ़ना नाम एक बार फिर,
इस तरह,
तुम जवाब देती हो।
2.
सवाल ज़िन्दगी करती है,
बिना थके बिना रुके,
मैं चुप
तुम जवाब देती हो।
3.
तुम्हारे जब सवाल उठते हैं,
ज़िन्दगी रह जाती है मौन।
No comments:
Post a Comment