1.
साधारण रह जाना,
परिचित बरामदों में रह जाना अनचिह्ना
साधारण बात है
और साधारण बातों की की तरह ही,
सहज।
2.
चकाचौंध की रौशनी पराई है,
प्रसिद्धि की, सफलता की
और हम रह जाते चाँदनी की छाया में श्वेत वस्त्र भूतों से।
कृत्रिम निर्मितियों की के प्रेत द्वार
क्या ही ज़रूरी हैं।
3.
पहाड़ में पहाड़ी से, मैदान में मैदानी
वंचित महत्त्व से, अर्थ की आभा से
रहने दो हमको
अपनी ही फुर्सत में।