Wednesday, January 6, 2021

 1.

भूगोल की किताब में लिखी हो शायद 

उम्र 

नदियों की 

बहते झरनों की,

लिखा हो शायद 

कौन युवा प्रौढ़ कौन, कौन मुग्धा.

समाज शास्त्र नहीं लिखता लेकिन 

लड़कियाँ जी रही होतीं हर अवस्था .


2.

खिले, अधखिले, अनखिले फूलों से 

चिड़िया से 

गंध से या स्वाद से 

तुलना बेमानी है, 

अर्थहीन हैं कविताएं. 


लड़कियों खुद उपमेय निज उपमान. 


3.

नदी, नदी है 

लडकियां, लडकियां 

नदी देख फिर भी याद आती हैं वह तमाम लडकियां 

जिनके भूगोल की किताब तक सिमटा है 

जीवन का अर्थशास्त्र.

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