Saturday, August 10, 2019

तुम्हे,
ज़रूरत नहीं मेरे कहे की
लिख देता हूँ पर्चियां फिर भी।
इसलिए नहीं कि 
कह दूंगा ' देखा कहा था तुम्हे '
इसलिए बल्कि कि,
नहीं कहूँ तो करूँ  भी क्या।

तुम जब बारूद लगा रहे हो घर में,
मैं कह रहा हूँ
मत करो ऐसा
मुझे भी पता है जबकि बहरे हो अभी तुम.

सुनाई पड़ता है बस जयगान तुम्हे। 

Monday, April 22, 2019

१.
बंद आँखों सुना, किया नमस्ते
कहा, भारत माता की जय
पी चाय, मारा सुट्टा और फिक्रमंद हुआ अन्धो को लेकर
खरीद ली छड़ी,
जादुई चश्मा।  देखने लगा हरियाली।
आँखे रखी बंद
उड़ती रेत, पड़ न जाए आँखों में।

२.

अंधा बना रहा मैं
फोड़ता रहा जब वो आँखे
यही चतुराई थी।

३.

चतुर बना रहा मैं,
छलता चला गया वह।

 ४.

जादुई चश्मे से देखता हूँ सपना।

५.

ज़िंदा हूँ अभी। 

Sunday, April 21, 2019

तुम हो,
और राजा है।
2
दिखता नहीं मैं,
न तुमको न राजा को।
3
अकालग्रस्त हूँ मैं
न भूलूंगा पर तुम्हे, न बख्सुङ्गा राजा को।
4
प्यार मिले तुमको, आह राजा को।
5
जाता हूँ अब।

Tuesday, April 16, 2019


१.
वापस, लौट आया
कहीं नहीं गया फिर
रह गया जड़
न ली सांस कभी फिर।

लौट आया खुद के पास
लौट आया, तुम्हारे दर से।

२.
दूर हुआ तुमसे,
न जिया न मरा।

३.
तुम दूर हुए नहीं,
मैं पास नहीं आया
उधार ली ज़िन्दगी, वही पहने रहा।

Saturday, April 13, 2019

कई रात बाद लौटा,
कई दिन विलुप्त हो गए
लौटा तो साथ पंजर था, मुझ-सा, मुझसे बड़ा ही किंचित।
साथ मेरे, था मुझ-सा कुछ मरा हुआ सा।

समझ नहीं आता नहीं
मरा मैं लौटा या मौत, ही लौट आया है मेरे बदले

दिन है या रात
समझ नहीं आता।

Tuesday, April 9, 2019

उम्र के साथ गिन रहा हूँ, गिनती

तो क्या करें, पता है, 
न तुम पढ़ते हो
न मैं लिखता हूँ
अब ऐसा कुछ भी नही करते 
जो साथ कभी करते थे
तो क्या करें,
इस ऊब का, जो पहले तो न थी.
उम्र के साथ गिन रहा हूँ, गिनती
मन ही मन बुदबुदा रहा हूँ पहाड़े
अतिरिक्त इसके क्या करें,
इस नई ऊब का.

ख्वाब जितने भी, कत्ल हुए.

1.
जब लिखा झूठ,
पढ़ा प्यार।
और इस तरह उम्र को गच्चा दिया।
2.
जब कहा सच,
सो गया।
ख्वाब जितने भी, कत्ल हुए।
3.
दोष दिया,
मर गया।
साथ जोहता रहा।

चाँद आज़ाद हो जाता है।

1.
कटोरे भर हंसी तेरी,
चुम लेता हूँ
चाँद आज़ाद हो जाता है।
भर आती है रौशनी
स्याह ज़िन्दगी के कोठरों में।
2.
औंधे पारिजात पर रख पाँव,
अलसुबह छोड़ जाती हो
रात खत्म नहीं होती।
मर जाता है दिन
स्थिर हो जाती है, ज़िन्दगी की डेवढ़ी।

व्यतीत हो रहे हम।

1.
मौन घट रहा,
व्यतीत हो रहे हम।
2.
याद रहता नहीं कुछ,
बीत जाता है, प्यार।
3.
कुछ सिमटी, कुछ सिकुड़ी
रहती हैं मगर, चले जाने के बाद।

गवाही।

१.
चुप्पी !
२.
गवाही।
३.
टूट गया सब
और आवाज़ न हुई
कोई बात नहीं
नई कोई बात नहीं हुई।
तुम चले गए
और रात हुई।

प्रेम का कायर होना.

1.
दुख है, प्रेम।
2.
दुख है, कायरता।
3.
बड़ा दुख है, प्रेम का कायर होना।

चुप रहो, बच निकलो।

घुप अंधेरा।
गहन मौन।
एक लंबी रात का रात का सफर है
एक मदारी है
एक जम्हूरा
तमाशबीन कौम है।
चुप रहो,
बच निकलो।

उदास रात, बस तुझे याद करता हूँ।

उदास रातों को, गुदगुदाते नहीं ख्वाब
चांदनी झरती नहीं
न खिलता है हरसिंगार।
उदास रात,
बस तुझे याद करता हूँ।
उदास रातों को और उदास कर जाती हो तुम।

तू मालिक है, भेड़ हैं हम.

जादू है,
तेरा व्यंग, तेरी मुस्कान
तेरा सोना, तेरा रोना
तू मालिक है
भेड़ हैं हम। तेरे जादूई दुनिया की भेड़े।
भेड़ हैं हम, तेरे बाड़े में चरती
तेरी संगत में भेड़िया धसान करती।।

तुम पर खत्म हो जाती है, कविता।

1
लिखता हूँ
मिल जाती है तेरी देह से कविता
पास राह जाती है, गंध तेरी।
2
कभी लिख नही सका,
खुशनुमा तुम्हारे जैसा कुछ।
3
तुम पर खत्म हो जाती है, कविता।

१. पूछो राम  कब करेगा  यह कुछ काम । २. कर दे सबको  रामम राम  सत्य हो जाए राम का नाम  उसके पहले बोलो इसको  कर दे यह कुछ काम का काम । ३. इतना ...