1.
मन चाहता है
नीँद, भर रात
ख्वाब मेँ तुम ।
मन चाहता है
दिन भर, तुम केवल ॥
2.
मन चाहता है
इन्द्रधनुष
चमक का, तेरी
रंग ओ गंध, तेरे होने के
मन चाहता है
इर्द-गिर्द तेरे, मैँ लट्टू ॥
3.
मन चाहता है
ओरहीन नभ, उड़ान का मेरे
जा जुड़े, छोर से तेरे
मन चाहता है
उड़ू मैँ, लट तेरी ॥