Saturday, May 17, 2014

कोई शीर्षक नहीं

1.

रिंग में मास्टर, बाहर शेर 
नए तमाशे ऐसे ही,
नकली मास्टर नकली शेर .

2.

बहुत तेज़ हवा है
आँचल बेहतर होता,
घर का दिया न बुझे, खुद के सैलाब में.

3.

आप वाकिफ हैं, है हमें भी पता 
जश्न में जले हैं 
अपने ही आशियाने भी .




Thursday, May 15, 2014

सोलह मई से एक दिन पहले

१. 

बड़ी अदा से,
बदल गए खुद को। 
तस्वीर मगर बासी ही लगा रखी है। 

२. 

तुम हो, फिर बीबी बच्चे तुम्हारे 
हमारे दिल पर 
हक़ तुम्हारा, खुला या छिपा। 

३. 

दो दिन,
भरम बनाए रखना। 
रोजी रोटी में लग जाऊँगा, दो दिन बाद। 




१. पूछो राम  कब करेगा  यह कुछ काम । २. कर दे सबको  रामम राम  सत्य हो जाए राम का नाम  उसके पहले बोलो इसको  कर दे यह कुछ काम का काम । ३. इतना ...