१.
बंद आँखों सुना, किया नमस्ते
कहा, भारत माता की जय
पी चाय, मारा सुट्टा और फिक्रमंद हुआ अन्धो को लेकर
खरीद ली छड़ी,
जादुई चश्मा। देखने लगा हरियाली।
आँखे रखी बंद
उड़ती रेत, पड़ न जाए आँखों में।
२.
अंधा बना रहा मैं
फोड़ता रहा जब वो आँखे
यही चतुराई थी।
३.
चतुर बना रहा मैं,
छलता चला गया वह।
४.
जादुई चश्मे से देखता हूँ सपना।
५.
ज़िंदा हूँ अभी।
बंद आँखों सुना, किया नमस्ते
कहा, भारत माता की जय
पी चाय, मारा सुट्टा और फिक्रमंद हुआ अन्धो को लेकर
खरीद ली छड़ी,
जादुई चश्मा। देखने लगा हरियाली।
आँखे रखी बंद
उड़ती रेत, पड़ न जाए आँखों में।
२.
अंधा बना रहा मैं
फोड़ता रहा जब वो आँखे
यही चतुराई थी।
३.
चतुर बना रहा मैं,
छलता चला गया वह।
४.
जादुई चश्मे से देखता हूँ सपना।
५.
ज़िंदा हूँ अभी।