1.
क्षोभ होता है...
धकेल देता जब
इन ढूहों से,कोई
गिराते, नहीं शिकवा !
ज़रा उठान तक जाने देते,
गिरता भी, आसमान दिखता तो भला.
लौटता, उड़ते उड़ते...
2.
क्रोध की परिणति है, रूदन.
बेबसी औ' क्रोध
करूं क्या इनका..
३.
ज़िन्दगी चलती है
आक्सीजन है हंसी..
क्रोध की परिणति है, रूदन.
बेबसी औ' क्रोध
करूं क्या इनका..
३.
ज़िन्दगी चलती है
आक्सीजन है हंसी..