1
लिखता हूँ
मिल जाती है तेरी देह से कविता
पास राह जाती है, गंध तेरी।
मिल जाती है तेरी देह से कविता
पास राह जाती है, गंध तेरी।
2
कभी लिख नही सका,
खुशनुमा तुम्हारे जैसा कुछ।
खुशनुमा तुम्हारे जैसा कुछ।
3
तुम पर खत्म हो जाती है, कविता।
१. पूछो राम कब करेगा यह कुछ काम । २. कर दे सबको रामम राम सत्य हो जाए राम का नाम उसके पहले बोलो इसको कर दे यह कुछ काम का काम । ३. इतना ...
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