Tuesday, April 9, 2019

तुम पर खत्म हो जाती है, कविता।

1
लिखता हूँ
मिल जाती है तेरी देह से कविता
पास राह जाती है, गंध तेरी।
2
कभी लिख नही सका,
खुशनुमा तुम्हारे जैसा कुछ।
3
तुम पर खत्म हो जाती है, कविता।

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