Thursday, March 14, 2013

ख़ुदा, बिलकुल तेरे जैसा..


१. 

ऊँचा और ऊँचा 
खुद के रहने की जगह ,
ख़ुदा,  बिलकुल तेरे जैसा। 
मैनें भी चुनी है जगह 
क़त्ल हुआ था जहां। 

२ .

समतल ही फैला
नहीं सहारा कोई चढ़ने को,
कुचला गया कदमों तले 
घास,
तुझ जैसा नरम चारा मैं।

३. 

परछाईं मेरी,
तुझ जैसा ही मैं।
महसूस नहीं ,मैं 
किसी छुअन को भी।
अपनी परछाईं भर, मैं।

Saturday, March 2, 2013

अंधकार

१.

रात कई गुज़री,
लगता है आज फिर,
नहीं सुबह कोई।
मेरा कोई अंत नहीं।

२.

अंधकार,
डराता है पहले।
डर लगता है,
उजाले से फ़िर।





१. पूछो राम  कब करेगा  यह कुछ काम । २. कर दे सबको  रामम राम  सत्य हो जाए राम का नाम  उसके पहले बोलो इसको  कर दे यह कुछ काम का काम । ३. इतना ...