१.
मैं चाहता हूँ,
लिखूँ एक ग़ज़ल, गुनगुना सके तू भी
समझ आए कभी, कोई ज़ज्बात मेरे।
२.
मैं चाहता हूँ,
रचे तू जब तस्वीर, दिखूं मैं भी
भले अनदेखी, इक दुआ पास हो तेरे।
३.
मैं चाहता हूँ,
लाल हो धरती औ स्याह आकाश जब
झक सफ़ेद ही हो, चूनर तेरी।