Thursday, January 7, 2021

 1.

बीतते जा रहे हैं सामने से,

खेत दर खेत 

खेत जो परती रह गए हैं 

खेत जो सोना हो गए हैं 

लग रही है लू 

अब जबकि बसंत आने वाला है 

दिख रहे हैं साल पिछले जो बीते निरंतर 

दिख रहा है 


जी रहे थे जिसे वह भ्रम था. 

बीत गए बीस वर्ष.


2.

चुप चाप बदल गया साल 

साल,

जिसे 2020 होना था.


वैभव का, उत्थान का साल.

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