1.
उदासी के उदास ख्यालों संग
ज़िन्दगी चुप गा रही होती है मौत की धीमी धुन
और जब, व्यर्थ बीत जाने का गीत लिख रहा होता है
मुझे
आ जाती हो,
तुम।
2.
हर बार नई एक शाख पनपती है
रोशनी फैलती है आहिस्ता
तुम पसरती हो, मेरे होने में
हर बार, एक अकेलापन चला आता है
उजास ज़िन्दगी का, जम जाता है
शैल बर्फ बेरंगा, बस हासिल।
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