Monday, July 27, 2020

1.
खुदा था, खुदाई थी
कारिंदा बन वो आए फिर,
राजे महाराजे,
हमने शीश नवाया।
तुम हो अभी,
हमारा मसीहा, खुदा का कारिंदा
किसी गलती किसी आक्षेप से परे।

2.
तुम हो, तुम्हारा सर्कस है
तमाशबीन भी, हम शामिल हैं।
खेल रहे हो तुम
जिससे, वह हम हैं। हम देश हैं।

3.
बिना अंत की हैं, यह कविताएं
तुम्हारे लिए रचित,यह प्रार्थनाएं
मसीहा हो तुम, तुम अनंत हो,
हम प्रजा हैं
भोग पाते हैं, केवल अपना अंत।

No comments:

Post a Comment

१. पूछो राम  कब करेगा  यह कुछ काम । २. कर दे सबको  रामम राम  सत्य हो जाए राम का नाम  उसके पहले बोलो इसको  कर दे यह कुछ काम का काम । ३. इतना ...