Friday, July 24, 2020

झूठ पर ही, अब ठिठरे

1.
कुछ झिझक से ही, कहा उसने, अर्ध सत्य।
फिर, बिन झिझक, असत्य।
किंचित झिझक से सुना पहले,
झूठ पर ही, अब ठिठरे।
2.
उसे पता है, हमे क्या सुनना,
हमे पता है वही, कहता मन की।
सिवा उसके, नहीं सुनते।
3.
झूठ उसका ही हमारा सच
हमे पता भी नहीं, सत्य अन्विज्ञ, नहीं।
4.
उसे नहीं, हमे उसकी जरूरत।
हमे चाहिए वही, फिर फिर वही।

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