भोंपुओं की राय है,
शासन, गाय है।
पूज्य दरबारी हैं,
दान के अधिकारी हैं।
मसीहा की आन है,
चढ़े तीर कमान हैं।
तोप को हराएंगे,
दूर तक,भगाएंगे।
सेवा का मौका है,
आउट भी चौका है।
मसीहा, महान है
सर्व शक्तिमान है।
पावन पवित्र है,
साक्षात गंगा है।
ऐसा है पहली बार,
सब कुछ चंगा है।
शांति शांति शांति.........
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