एक
काम सलीके से हो.
मैं चाहता हूँ,
प्लानिंग करके
मरुँ ,
मर गया अचानक
मुमकिन है,
सपनें मेरी आँखों में रह जाएं
और
आग बहती रहे नसों में मेरे,
बिना प्लानिंग
मर गया गर,
डर है
रह जाऊं यहीं
प्रेत सताए
तुम्हे रह रह .
१. पूछो राम कब करेगा यह कुछ काम । २. कर दे सबको रामम राम सत्य हो जाए राम का नाम उसके पहले बोलो इसको कर दे यह कुछ काम का काम । ३. इतना ...
अब क्या कहूँ...
ReplyDeleteबहुत बहुत बहुत उम्दा रचना, बहुत सारगर्भित विचार..
सादर नमन...