दिन,
ख़ुदकुशी कर लेता है
रात ढलती नहीं
उजाला नहीं होता,
तमाम तह
बिछा
संजोये अपने टुकड़े
ज़िन्दगी
क़त्ल रोज़ करती रही
खौफ
स्याप अंधेरों में नहीं सोने देता
एक अरसा हुआ,
नींद नहीं आई
मुझको .
१. पूछो राम कब करेगा यह कुछ काम । २. कर दे सबको रामम राम सत्य हो जाए राम का नाम उसके पहले बोलो इसको कर दे यह कुछ काम का काम । ३. इतना ...
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