Wednesday, June 22, 2011

मेरी आह, दूर तलक करती है शोर .

तुम्हारी खातिर....
तुम्हारे मौन की खातिर,
  
फैसला किया मैंने... 
खामोश हो जाने का 
खामोश हो जाने का , सदा ही चुप जाने को. 

फैसला चुप हो जाने का
तोड़ कर स्वप्न, तोड़ आकांक्षाएं सारी
तोड़ देता  है
मुझको  को भी .

खामोश मै हो जाता हूँ 
मेरी आह, 
दूर तलक करती है शोर .

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