Friday, June 17, 2011

कभी नहीं हम साथ मोड़ से गुज़रे

१.

आजकल 
बारिश नहीं होती,
मन नहीं  आद्र  .

शुष्क आँखों से 
कोई 
मुलाक़ात नहीं होती.

२.

ज्वार उतरता है 
प्रेम भंग-सा .

छोड़ देता है
कीचड़,
मलाल 
खुद  ख़त्म होने का .

३.

आखिरी बार
जब कहा अलविदा हमने
कभी मैं नहीं था
कभी तुम अनुपस्थित. 

साथ साथ 
विदा नहीं 
हम,
कभी नहीं 
हम साथ मोड़ से गुज़रे  

No comments:

Post a Comment

१. पूछो राम  कब करेगा  यह कुछ काम । २. कर दे सबको  रामम राम  सत्य हो जाए राम का नाम  उसके पहले बोलो इसको  कर दे यह कुछ काम का काम । ३. इतना ...