Friday, June 17, 2011

आखिरी अनुरोध..2.

अब जब 
आ छूने को है मानसून हमें 
मेरी मिन्नत है 
कहीं और जा बरसे बादल
तुम बिन 
क्यूँ बिज़ली क्यूँ बारिश .

तुम 
मांग लेना 
और से सौगात छप छप की 

मेरी मिन्नत है
तुम नहीं,  
न सावन आए अबकी 



1 comment:

१. पूछो राम  कब करेगा  यह कुछ काम । २. कर दे सबको  रामम राम  सत्य हो जाए राम का नाम  उसके पहले बोलो इसको  कर दे यह कुछ काम का काम । ३. इतना ...