अब जब
आ छूने को है मानसून हमें
मेरी मिन्नत है
कहीं और जा बरसे बादल
तुम बिन
क्यूँ बिज़ली क्यूँ बारिश .
तुम
मांग लेना
और से सौगात छप छप की
मेरी मिन्नत है
तुम नहीं,
न सावन आए अबकी
१. पूछो राम कब करेगा यह कुछ काम । २. कर दे सबको रामम राम सत्य हो जाए राम का नाम उसके पहले बोलो इसको कर दे यह कुछ काम का काम । ३. इतना ...
its beautiful.. :)
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