सड़कछाप लड़की
सुलभ सबको
सबसे ही सहज
नहीं दबाती
अपनी हंसी
नहीं छिपाती
अपनी ख़ुशी
सड़कछाप लड़की
बनाती सफ़र को हसीं
अनेक से प्रेम,
मित्र अन्तरंग कई
सड़कछाप लड़की ;
रिक्त/ अपूर्ण कई
को करती पूर्ण .
सड़कछाप लड़की
ज़रूरी है .
१. पूछो राम कब करेगा यह कुछ काम । २. कर दे सबको रामम राम सत्य हो जाए राम का नाम उसके पहले बोलो इसको कर दे यह कुछ काम का काम । ३. इतना ...
Bitter truth...yet a necessary truth...
ReplyDeleteye aisa topic hai jis par mai fir likhna chahunga... ye kavita adhuri hai..... dekhte hai kab puri hoti hai...hoti bhi hai ya nahi....
ReplyDeleteshirshak ka arth kuchh aur vistrit kariye. bahut hi achhi kavita hai aur vishay vastu bhi kuchh alag si hai.
ReplyDeletebahut hi umda kriti jo apni purnata ko talash rahi hai.
thank you dost.............
ReplyDelete