१.
आवाज़ करे शोर
मद्धम जले लौ
सांस बंद हो
कुछ यही है, मांग तेरी।
अफ़सोस,
फैले हैं, फेफड़े
जल रहा भभक मैं,
चुपचाप।
२.
पता है तुम्हे,कमी
थोड़ी कैद की, लगनी है आज़ादी
देखा है,
हालत अपने मुल्क की।
पता है तुम्हे, सही
रास्ते लग जाऊंगा मैं
अंदाज़ा नहीं
तुम हुए बुज़ुर्ग और मैं जवान हूँ।
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