१.
मैं चाहता हूँ
अंत न हो अनंत का
अंत के बाद भी बचा रहे कुछ तो।
मैं चाहता हूँ
ब्रह्माण्डांत, बसे एक और दुनिया।
२.
मैं चाहता हूँ
मृत्यु के साथ ख़त्म हो जीवन
मौत बार बार, न हो किसी के लिए।
मैं चाहता हूँ
ज़िंदा रहने का हक़ हो, मरने तक।
३.
मैं चाहता हूँ
उजाला रहे, दिन के अस्तित्व परे
काल गड़ना तक न सिमटे सूरज।
मैं चाहता हूँ
रात दिन न मुहताज हो कैलेंडर के।
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