Wednesday, April 27, 2011

मै नहीं था लायक/जान पाता सच

तुम धरा हो

मेह के नेह से भीगे
तुम्हारे अंतर में
हलचल है नुकीले हल की भी
तुमसे पनपी है यह बाजरे  की फसल !

मै नहीं था लायक
जान पाता सच

जान पता/ बीज भर नहीं है अवयव
सृज़न को चाहिए तुम्हे
बीज के साथ हल ओ जल भी !
तुम धरा हो

मै नहीं था लायक
जान पाता सच....

3 comments:

१. पूछो राम  कब करेगा  यह कुछ काम । २. कर दे सबको  रामम राम  सत्य हो जाए राम का नाम  उसके पहले बोलो इसको  कर दे यह कुछ काम का काम । ३. इतना ...