Friday, April 29, 2011

मै नहीं सह सकती/प्रेम विवाह

मै नहीं सह सकती
प्रेम विवाह

प्रेम देता है मुक्ति
बहने देता है
मेरे अन्दर की नदी
खुद तलाशे रास्तो पर

प्रेम के गोतों में
साथी रहते है मुक्त

क्रीडा सहचर-से मुक्त हम !

मुक्त प्रेम है मुक्ति मेरी

बांधता है विवाह

किनारों से बंधना हो नियति
तो
बंधने दो रीति से, रिवाजों से!

प्रेम विवाह
नहीं सह सकती मै

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