Wednesday, October 21, 2009

अकेलापन

        १.
      
बंद दराज़ से निकल
छा जाता है ,                                           
धुंधले अंधियारे सा
घेर लेता है 
अकेलापन.

२.

 स्याह 
मन का फैलाता हुआ 
चुप चाप पैठ जाता  है 
मन पर छाया
अकेलापन.
                  
३.
                             
साथ तुमको लिए चलता है 
अकेले नहीं आता
अकेलापन.

2 comments:

  1. har taraf har jagah beshumar aadmi;
    fir bhi tanhayeeyo ka shikar aadmi!!
    itna akelapan kyun hai bhai???

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  2. Mere jaane ka kisi ko koi gham nahi hoga,
    Bas tanhaaiya roengi, mera ham-safar chala gaya...

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