१.
क्या बेहतर है,
अपने पार्श्व
प्यादे- सा
रख लूँ खुद को ,
रख लूँ खुद को ,
न पता हो
खुद को भी
खुद को भी
मैं, मरा या जिंदा.
२.
२.
चिठ्ठियों चस्पा स्टाम्प-सा
लगा लूँ
ठप्पा,
इस्तेमाल न हो दुबारा
3.
दोस्तों !
तुमने कहा और किया
तब्दील,
दोस्ती को प्यार में,
एक तरीका खोजो
बदल सकें
प्यार को दोस्ती में.
पहला भाग मेरी समझ से परे है किन्तु दूसरा भाग अद्वितीय विचार अभियक्त कर रहा है...
ReplyDeleteइन विचारों को मेरा अभिवादन...
ये तरीका बहुत आसान भी है, और बहुत मुस्किल भी है.... अच्छी प्रस्तुती....
ReplyDeleteसमय निकला पढ़ा और टिप्पड़ी की.... बहुत बहुत आभार.........
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