बंदा कमाल है
क्या तो बेमिशाल है !
बंदी की
मंदी की
और नज़रबंदी की
खुद में धमाल है
बंदा कमाल है।
उसने कहा मान लो
गाँठ बाँध जान लो
सुनो वही गुनो वही
वह कहे धुनो वही
हमने है मान लिया
आँख बंद ठान लिया
वह गले का हार है
वही तारणहार है।
उसके इशारें है
यह जो नज़ारे हैं
कहे वह धूप गीली
सूरज पर चाँद बली
उसने बताया है
बाकी सब माया है
उसके जो चार मित्र
उनकी ही छाया है।
भोंपूं गुलाम हैं
चर्चा ये आम है
झूठी यह बातें है
सुनहली रातें हैं
भूख प्यास रोज़गार
बातें यह बेकार
दुःख की कहानी है
व्यर्थ है बेमानी है
है वह विराजमान
रखो उसका मान
रोओ न चिल्लाओ तुम
गान मंगल गाओ तुम
पेट के भरने से
स्वस्थ साफ़ रहने से
देव का क्या नाता है
उसे बस भाता है
जय कहो जयगान करो
तुम अफीमपान करो।
श्रेष्ठ की न चाह करो
बात यह गाँठ धरो
हर दिन लड़ाई है
उसने लगाई है
तुम सिपाही होम करो
मन में ढाढ़स धरो
तुम्हारा यह फ़र्ज़ है
तुम पर क़र्ज़ है
धर्म नाम डूब मरो
देश नाम लूट मरो
तुम प्रजा वह राजा है
दुंदुभि है बाजा है।
होना उसका पर्व है
बात बात गर्व है
मर गया, गर्व है
मार दिया, गर्व है
मीलों पैदल, गर्व है
वह उड़नछू, गर्व है
भूख सहा, गर्व है
प्यास सही, गर्व है
बंदी है, गर्व है
मंदी है, गर्व है
कांव कांव गर्व है
गाँव गाँव गर्व है।
देव है विधाता है राजा है त्राता है
वह अवतार है।
अबला है देश,
वह देश का भतार है।
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