तुम्हारा हुनर है, विजय।
तुम्हारी जय।
पूरा आकाश केवल तुम
खत्म हो रहा मैं क्रमशः।
तुम हो रौशन, भभक रहा मैं।
मेरे जलने के बाद
बचा रहेगा जब अंधेरा केवल
लोग याद करेंगे तुमको।
तुम्हारी देन, मात्र अंधकार।
मसीहा!
न्याय का एक दिन तो आएगा
लिखी जाएंगी जब तेरी करतूतें।
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