Thursday, August 29, 2013

एक, वायदा है निभा।

१. 

एक तस्वीर बराबर
ज़मीन का टुकड़ा 
औ 
दिल की कोठरी 
इतना ही,
सियासत मेरी।

२. 

तुमसे,
तक़रार तेरी निगाहों में। 
रक्ताभ कोनो को तनिक गाढ़ा, 
मुस्कान कर गहरी
जीती 
तुमने ही हर बाज़ी।

३. 

एक,
वायदा है निभा।
कमज़ोर कर न देना 
खुद मेरा होना,
है,
इसमे बस तेरी बदनामी 
और यही मंज़ूर
नहीं मुझको।

1 comment:

  1. बेहतरीन अंदाज़..... सुन्दर
    अभिव्यक्ति......

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