ख़त्म हुआ
भ्रम,
मिट गई
आशा,
अभिशप्त हैं पुनः जी उठने को।
बहाने मिल ही
जाते हैं
ठहाकों को मेरे।
२.
फिर से
हाज़िर हूँ हुज़ूर
आपके
दरवाज़े, खरीद लो
कुछ
मुस्कान।
१. पूछो राम कब करेगा यह कुछ काम । २. कर दे सबको रामम राम सत्य हो जाए राम का नाम उसके पहले बोलो इसको कर दे यह कुछ काम का काम । ३. इतना ...
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