१.
मेरी खिड़की से
बहुत दूर
नज़र आता है
चाँद ।
अपनी हद से
परे
मैं,
जा नहीं पाता ॥
२.
रात और बढ़ जाती है
जगा
देख , मुझे ।
बंद आँखों भी,
मैं,
सो नहीं पाता॥
३.
बेतरह
लगती है, भूख
देख रसोई ।
भटक गया हूँ ,
इतना, घर
मैं,
पहुँच नहीं पाता ॥
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