Wednesday, August 31, 2011

लड़कपन मुझसे नहीं छूटा...

सफ़ेद कमल 
आज बाज़ार में देखा 
लड़कपन में,
फेक देता था .

हमेशा सोचा 
रंग पाता उन्हें लाल .

लड़कपन मुझसे नहीं छूटा...       

5 comments:

  1. aaj bhi,
    jamana jab wo
    yaad aata hai,
    muskurahat...
    labo par,
    dard...
    aankho me utar aata hai,
    dard...
    waqt k bit jaane ka,
    muskurahat...
    yaado ke aa jane se...

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  2. @ manish........बहुत खूब भाई........खूब कही..
    @bhavana.......कमल ही नहीं सफ़ेद भी हो सकता है.. पर लाल कमल की चाहत में सफ़ेद की क़द्र न कर पाना लड़कपन के सिवा और कुछ नहीं...

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