सफ़ेद कमल
आज बाज़ार में देखा
लड़कपन में,
फेक देता था .
हमेशा सोचा
रंग पाता उन्हें लाल .
लड़कपन मुझसे नहीं छूटा...
१. पूछो राम कब करेगा यह कुछ काम । २. कर दे सबको रामम राम सत्य हो जाए राम का नाम उसके पहले बोलो इसको कर दे यह कुछ काम का काम । ३. इतना ...
aaj bhi,
ReplyDeletejamana jab wo
yaad aata hai,
muskurahat...
labo par,
dard...
aankho me utar aata hai,
dard...
waqt k bit jaane ka,
muskurahat...
yaado ke aa jane se...
samjh nahi aaya..
ReplyDelete@ manish........बहुत खूब भाई........खूब कही..
ReplyDelete@bhavana.......कमल ही नहीं सफ़ेद भी हो सकता है.. पर लाल कमल की चाहत में सफ़ेद की क़द्र न कर पाना लड़कपन के सिवा और कुछ नहीं...
bhaut khub...
ReplyDelete@ sushma ji.... thank you.
ReplyDelete