दुःख का खुद में नहीं है महत्व
दुःख कर देता है सुन्न
सुख को बांटने , सुख को दिखाने
सुख को पचाने के रास्ते बनाता आता है सुख
दुःख देता है जड़ता
जड़ मन कर देता है
कलई दुःख की/ जीवन दर्पण में
प्रतिबिम्बों के घेरे में दुःख ही दुःख
साथी बनते है/ दुखी मन के
mere khyaal se isme vistar ki kafi gunjaish ahi..aur exactly jo aap kahna chah rahe han wo last lines se completely express nahi ho paya..
ReplyDeletetrue. its first draft only.
ReplyDeletewill try ti revisit it again.
thank you