Tuesday, March 29, 2011

दुःख २

दुःख का खुद में नहीं है महत्व

दुःख कर देता है सुन्न

सुख को बांटने , सुख को दिखाने
  सुख को पचाने के रास्ते बनाता आता है सुख

दुःख देता है जड़ता 
जड़ मन कर देता है
कलई दुःख की/ जीवन दर्पण में 
प्रतिबिम्बों के घेरे में दुःख ही दुःख 
साथी बनते है/ दुखी मन के 

2 comments:

  1. mere khyaal se isme vistar ki kafi gunjaish ahi..aur exactly jo aap kahna chah rahe han wo last lines se completely express nahi ho paya..

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  2. true. its first draft only.
    will try ti revisit it again.
    thank you

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