Tuesday, November 20, 2012

मुझे आदत है, तेरे ठोकर की।

1.

समतल ज़मीन पर,
इक टुकड़ा पत्थर।
मुझे आदत है, तेरे ठोकर की।

2.

मिलना, मिलते रहना
मरने में मज़ा आ जाता है।

3.

डर कभी न था,
ज़िन्दगी तुझसे जुदा होने का।
अब प्यार भी नहीं करता, तुमको।





   




2 comments:

  1. लाजवाब..........

    ReplyDelete
  2. लाजवाब.........जितेश.

    ReplyDelete

१. पूछो राम  कब करेगा  यह कुछ काम । २. कर दे सबको  रामम राम  सत्य हो जाए राम का नाम  उसके पहले बोलो इसको  कर दे यह कुछ काम का काम । ३. इतना ...