Wednesday, November 28, 2012

1.

इक गुज़ारिश है,
सिरिअसली न लिया करो, मुझको।
कल को दोष मढ़ दोगे सब, मुझपर।  

2.

इक सलाह है,
ज्यादा सहेजा न करो, रिश्तों को।
बिखरना ही नियति, रिश्तों की।

3.

इक आदेश है,
देखना न समझना, मुझको।
कसूरवार कोई नहीं, मेरे लिए।    

      

2 comments:

१. पूछो राम  कब करेगा  यह कुछ काम । २. कर दे सबको  रामम राम  सत्य हो जाए राम का नाम  उसके पहले बोलो इसको  कर दे यह कुछ काम का काम । ३. इतना ...