1.
मैं चाहता हूँ
ख्वाब निर्जीव न हों,
उठान हो निर्भीक।
मैं चाहता हूँ
लौट आये बचपन।
२.
मैं चाहता हूँ
लम्बाई बढ़े दिन की
चटक चमक हो उजाले की।
मैं चाहता हूँ
अँधेरे का दमन।
3.
मैं चाहता हूँ
पी सकूँ धुंआ, गर्द कालिख
समा जाए मुझी में जहर।
मैं चाहता हूँ
साफ़ हवा बहे अब से।
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