तुम हो तो यंकी आता है
कि
धरती है अभी
आसमा भी है
तुम्हारे होने पर
टिका है झरने का बहना
कली चटकन का शोर
भोर ओस का गीलापन
तुम हो तो मन मानता है
रमा रहना
शिद्दत से जमा रहना
मन का मानना कि
अकेला नहीं हु मै
तुम रहना इर्द गिर्द
कि सांसे टिकी रहती है अपनी जगह
सांसो को टिके रहने दो अपने इर्द गिर्द
कि
धरती है अभी
आसमा भी है
तुम्हारे होने पर
टिका है झरने का बहना
कली चटकन का शोर
भोर ओस का गीलापन
तुम हो तो मन मानता है
रमा रहना
शिद्दत से जमा रहना
मन का मानना कि
अकेला नहीं हु मै
तुम रहना इर्द गिर्द
कि सांसे टिकी रहती है अपनी जगह
सांसो को टिके रहने दो अपने इर्द गिर्द
No comments:
Post a Comment